जैसी करो और वैसी भरो

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chandani sethi

एक बार राधे श्याम की घर की बिजली ख़राब हो गई , उसने अपने दोस्त बलदेव के बेटे राहुल को बिजली ठीक करवाने के बुलाया ! राधे श्याम और बलदेव बचपन के दोस्त थे, इसलिए राधे श्याम के एक बार बुलाने पर बलदेव अपने बेटे राहुल को लेकर राधे श्याम के घर आ गया !  क्योंकि राहुल बिजली का ही काम करता था,  राहुल ने काम करना शुरू किया , तारो में आग लग चुकी थी , इसलिए काफी समय लगा राहुल को बिजली ठीक करने में लाग रहा था , तब तक राधे श्याम और बलदेव  बैठ कर चाय पी रहे थे , और राहुल अपना काम कर रहा था !

राहुल को काम करते -करते दोपहर हो गयी थी !  राहुल सुबह से ही तारो को बदलने में लगा हुआ था ! काम खत्म होते ही वह राधे श्याम के पास गया और कहा :

” अंकल जी  देख लीजिये , मैंने सारी तारो को बदल दिया है , अब आपको तकलीफ़ नहीं होगी ”

राधे श्याम : ” अच्छा किया बेटा , शुक्रिया। ….अच्छा कितने पैसे हुए ”

राहुल : “अंकल जी  १५०० रुपए हुये है ”

राधे श्याम : “इतने ………………..यह तो बहुत ज्यादा  है”

राहुल : “अंकल जी काम भी तो बहुत था , सारी तारो को बदलना  पड़ा , सुबह से दोपहर हो गई है ”

राधे श्याम : अरे बेटा , क्या बात करते हो १००० ले लो , घर की ही तो बात है , हम कोई बाहर के कोई है ! ”

राहुल थोड़ा उदास हो गया , लेकिन पिता के सामने क्या बोलता , आखिर उसके पिता और राधे श्याम की दोस्ती बहुत पुरानी थी , इसलिए राहुल चुप रहे गया , और घर से बाहर निकल आया !

वही बाहर आकर राहुल देखता है, कि उसकी बाइक की गर्मी के वजह से हवा निकल गई थी , अब राहुल सोचने लगा , कि अब इतनी गर्मी में वह अपने पिता जी को घर कैसे लेकर जायेगा ! तभी उसने राधे श्याम की कार देखी , और उसने राधे श्याम से उसकी कार की चाबी मांगी , तभी राहुल के पिता जी ने उससे कहा बेटा तुम्हें अंकल की कार की चाबी क्यों चाहिए ? “कुछ नहीं पिता जी , बाइक ख़राब है , तो घर कैसे जायेंगे , आखिर अंकल की कार भी तो हमारी ही है  !

नाम : चांदनी सेठी कोचर

पिता का नाम : (स्व.) रमेश सेठी

माता का नाम    : श्रीमती वीना सेठी

पति का नाम :  डॉ. शुभंकु कोचर

स्थायी पता         :    दिल्ली नई दिल्ली 

शिक्षा :  बी.एड ,  एम.ए ( हिंदी साहित्य ) , बी.ए.

साहित्य  रुचि : महिला साहित्य और दलित साहित्य

विधा :  कहानी , लघु कथा , कविता,  लेख , शायरी

प्रकाशित रचनाओं का विवरण – वर्तमान लेखन: दैनिक व साप्ताहिक अखबारों, पत्रिकाओं में कहानी, कविता, लघु कथा  सामाजिक लेख. साहित्यपीडिया, स्टोरी मिरर,  www.momspresso.com व प्रति लिपि वेबसाइट पर !

प्रकाशित रचनाएं

काव्य  : काम वाली, खुशनसीब, हार से मुकाबला,  मोहब्बत का दर्द  , एक जवाब , पुराने जख़्म , भेद – भाव , मीठी यादे,  सम्मान , सोचना जरूर ,  रिश्ता , मातृ प्रेम का अहसास  आदि

लघुकथाएं : अजब – गजब , अनोखा रिश्ता , बेटी,  अमूल्य वस्तु, मन की बात ,  कन्यादान आदि

कहानियाँ  : अनहोनी, यादगार सफर, अधूरा इश्क़, विश्वास आदि

लेख          : फूलो के भाव, असुरक्षित बालिकाएं आदि

1 . प्रकाशित किताबें

  साझा काव्य संग्रह    : ” दीप देहरी “

 साझा लघुकथा संग्रह  : “सहित्य उदय “

  साझा कहानी  संग्रह : “दस्तक “

2 . पत्रिका

पत्रिका काव्य स्पंदन चित्रगुप्त प्रकाशन : ” आज की नारी ” ” मातृ प्रेम का अहसास “  मजदूर पिता

सम्मान

1 . उदीप्त प्रकाशन द्वारा लघुकथा के लिए श्रेष्ठ युवा रचनाकार सम्मान !

2 उदीप्त प्रकाशन द्वारा काव्य के लिए श्रेष्ठ युवा रचनाकार सम्मान !

3   साहित्य संगम द्वारा बोली संबर्धन कार्यक्रम में प्राप्त प्रमाण पत्र !

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आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।