तू कितना बदल गया हिंदुस्तान

0 0
Read Time2 Minute, 19 Second

nadeem khan
अब भी जालिमों की तरफदारी कर रहा है इंसान
तू कितना बदल गया हिंदुस्तान तू कितना बदल गया हिंदुस्तान
फसलें बर्बाद हो रहीं हैं कारोबार भी चौपट है
फिर भी विदेशों में घूम रहा लगता है ये नेता फौकट है
कारोबारी कर्जा लेकर भाग रहे खुदकुशी कर रहे किसान
तू कितना बदल गया हिंदुस्तान तू कितना बदल गया हिंदुस्तान
कुर्सी के ठेकेदारों के कारण पैदा मंगल लक्ष्मी अब्दुल हमीद नहीं होते
मेरे मुल्क के वीरों की खुशियों के दिवाली और ईद नहीं होते
सरहद पर रोज जान गवा रहा वीर जवान
तू कितना बदल गया हिंदुस्तान तू कितना बदल गया हिंदुस्तान
गरीबों से रिश्वत लेते अफसर चन्द नोटों की खातिर
कई वर्गों में बांट दिया इंसाँ को चन्द वोटों की खातिर
कब खत्म होगा भ्रष्टाचार आरक्षण कब होगा जनरल पर ये अहसान
तू कितना बदल गया हिंदुस्तान तू कितना बदल गया हिंदुस्तान
ज़िक्र करता हूँ एक और बड़ी बीमारी का
क्या करें अब साहेब बढती बेरोजगारी का
आजाद होकर भी दर दर की ठोकर खा रहा नौजवान
तू कितना बदल गया हिंदुस्तान तू कितना बदल गया हिंदुस्तान
उठ जाग अब अपना रुप बदल ले
सारी बुराइयों को अब तू निगल ले
इल्तिजा कर रहा है नदीम अनुज खान
तू कितना बदल गया हिंदुस्तान तू कितना बदल गया हिंदुस्तान

नाम  –  नदीम खान “अनुज”
साहित्यिक उपनाम  –  अनुज 
वर्तमान पता –  केलवाड़ा जिला बारां
राज्य –  राजस्थान  
शहर –  केलवाड़ा 
शिक्षा –  BA 
कार्यक्षेत्र – केलवाड़ा 
विधा –  कविता 
प्रकाशन –  कोई  नहीं  
सम्मान –  कोई नहीं 
अन्य उपलब्धियाँ –  कोई नहीं 
लेखन का उद्देश्य – लोगों का मार्गदर्शन करना  

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

दो बिल्लियाँ....

Tue May 15 , 2018
दो बिल्लियाँ बड़ी सयानी करती हैं मनमानी अकड़म-बकड़म करती रहती दिन भर करती शैतानी। माँ-बापू समझाकर जाते ऐसा करम न करना देना पड़े हमे संसद में मंहगाई पर धरना। मार रही सरकार हमको घुसपैठी घर के अन्दर ढोल-नगाड़े बजा रहे नाँच रहे मस्त कलंदर। भुखमरी के कारण घरमे पड़ गया […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।