जागृति संदेश

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pushpa sharma
जागृति का संदेश सुना दें,
एकता का स्वर जगा दें।
        
 
बहती अमिय की धार में,
जीवन के सरस सार में।
प्रीति कलश को पूरा भर,
अमिय आज थोड़ा छलका दें।
 
जीवन हुआ सिद्धांतहीन,
भावहीन और लक्ष्यहीन।
डगमगाते इन डगों को,
थोड़ी सीधी राह बता दें।
 
 
साध लें सुर आज सब वो,
छेड़ दें मिल रागिनी वो।
दिल के टूटे तार जुड़ें फिर,
ऐसा ही संगीत सुना दें।
 
 
मनुज समझे मनुजता को,
प्रकृति की शालीनता को।
जुड़ सके अपनी जड़ों से,
सबको यह संदेश सुना दें।
 
जागृति का संदेश सुना दें, 
एकता का स्वर जगा देंll 
           #पुष्पा शर्मा 
परिचय: श्रीमती पुष्पा शर्मा की जन्म तिथि-२४ जुलाई १९४५ एवं जन्म स्थान-कुचामन सिटी (जिला-नागौर,राजस्थान) है। आपका वर्तमान निवास राजस्थान के शहर-अजमेर में है। शिक्षा-एम.ए. और बी.एड. है। कार्यक्षेत्र में आप राजस्थान के शिक्षा विभाग से हिन्दी विषय पढ़ाने वाली सेवानिवृत व्याख्याता हैं। फिलहाल सामाजिक क्षेत्र-अन्ध विद्यालय सहित बधिर विद्यालय आदि से जुड़कर कार्यरत हैं। दोहे,मुक्त पद और सामान्य गद्य आप लिखती हैं। आपकी लेखनशीलता का उद्देश्य-स्वान्तः सुखाय है।

Arpan Jain

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