मातृ दिवस – माँ

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माँ तेरा नहीं पर्याय, धरा-सा आँचल, नभ सी छाँव,
सहा नौ माह का दर्द, मेरे हर दर्द में फैला दी बांह।

झील-सी ठंडी, समुद्र-सी अथाह सरिता-सी अविरल,
संक्षिप्त नहीं हो, तुम पर क्या लिखूँ? हे निश्छल!

ईश्वरीय कृति, जब अथाह प्यार सिमटे संसार में आई,
हर रिश्तों में रची-बसी और रिश्तों में ही समाई ।

बेटी, बहन, बहू, कहीं दुल्हन, हर रूप का तेरे सार,
हर रूप में दिया तूने प्यार, संभाले दो संसार।

त्याग और ममता की मूरत, देखने तेरा रूप बार-बार,
राम-कृष्ण रूप में, जन्मे नयनाभिराम अवतार।

परिवर्तन में भी जो कभी परिवर्तित न हुई,
अद्भुत, अविरल, अनंत-सी, प्रेम-अस्तित्व में खोई।

हे ईश्वर! अपनी कृति को यूं ही बनाए रखना,
बदल देना दुनिया सारी, पर इसे
न बदलना।

#संध्या रामप्रसाद पाण्डेय
अलीराजपुर (मध्य प्रदेश)

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।