बाबा साहब आपको,
हम करते हैं नमन।
आभारी रहेंगे आपके,
हम जनम जनम।
कंटको की राह पर,
चलकर दिखाया तुमने।
जो कर सका कोई,
वो कर दिखाया तुमने।
धर्म जातिवाद भेदभाव,
का किया विरोध तुमने।
हम रचना एक ईश्वर की,
ये बताया बाबा तुमने।
सर्वधर्म एक हैं ये,
पढ़ाया पाठ जग को।
कोई छोटा ना बड़ा है,
ये बताया तुमने जग को।
सोया हम सबका,
स्वाभिमान है जगाया।
खोया था जो हमारा,
सम्मान वो दिलाया।
झेलीं थीं लाख जिल्लतें ,
तुमने भी बाबा साहब।
थी सही अथाह पीड़ा,
तुमने भी बाबा साहब।
बजा बिगुल संघर्ष का,
आवाह्न किया तुमने।
दलितों को हक़ दिलाने को,
क्या ना किया था तुमने।
मिले ना माँगने से जो,
वो हक छीन लो।
अधिकार अपने सारे,
जग से छीन लो।
यही सिखाया हमको,
तुमने बाबा साहब।
सीखा मुश्किल से लड़ना,
तुमसे बाबा साहब।
राम ,हर्ष ,तुकाराम,
सम बनना है हमें।
तोड़ जाति धर्म बन्धन ,
बस उड़ना है हमें।
गुरु हैं आप हमारे,
भगवान आप हैं।
हम सबके बाबा साहब,
अभिमान आप हैं।
स्वरचित
सपना (स. अ.)
प्रा.वि.-उजीतीपुर
वि.ख.-भाग्यनगर
जनपद-औरैया