शिव दोहावली

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sanjeev
शिव ने शक का सर्प ले,
किया सहज विश्वास।
कण्ठ सजाया,धन्यता
करे सर्प आभास।
द्वैत तजें,अद्वैत वर,
तो रखिए विश्वास।
शिव-संदेश न भूलिए,
मिटे तभी संत्रास॥
नारी पर श्रद्धा रखें,
वही जीवनाधार।
नर पर हो विश्वास तो,
जीवन सुख-आगार॥
तीन मेखला तीन गुण,
सत्-शिव-सुंदर देख।
सत्-चित्-आनंद साध्य तब,
धर्म-मर्म कर लेख॥
उदय-लय-विलय तीन ही,
क्रिया सृष्टि में व्याप्त।
लिंग-वेदिका पूजिए,
परम सत्य हो आप्त॥
निराकार हो तरंगित,
बनता कण निर्भार।
भार गहे साकार हो,
चले सृष्टि-व्यापार॥
काम-क्रोध सह लोभ हैं,
तीन दोष अनिवार्य।
संयम-नियम-अपरिग्रह,
हैं त्रिशूल स्वीकार्य॥
आप-आपके-गैर में,
श्रेष्ठ न करते भेद।
हो त्रिनेत्र सम देखिए,
अंत न पाएं खेद॥
त्रै विकार का संतुलन,
सकल सृष्टि-आधार।
निर्विकार ही मुक्त है,
सत्य क्रिया-व्यापार॥
जब न सत्य हो साथ तो,
होता संग असत्य।
छलती कुमति कुतर्क रच,
कहे सुमति तज कृत्य॥
नग्न सत्य को कर सके,
जो मन अंगीकार।
उसका तन न विवश ढहे,
हो शुचिता-आगार॥
                           #संजीव वर्मा सलिल

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।