इसे रंगों में न बाँटो

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shashank sharma1
फिर परिहास हुआ देखो,इस भारत की माटी में।
गिरगिटों ने रंग बदले,क्या फिर उसी परिपाटी में॥
झंडे के रंगों ने क्या फिर,अपनी फ़िज़ा बिगाड़ी है ?
या इसके पीछे भी साजिश,अब कोई लगती भारी  है ? ?
बाप से ज्यादा पड़ोसी अब,हमको प्यारा दिखता है ?
तिरंगे में भी अब हमको,क्या कोई रंग ज्यादा लगता है ? ?
श्वेत रंग बीच में पड़,कब तक उन्मादों को टाले।
चौबीस कड़ियों-सा चौबीस घण्टे बस शांति की चिंता पाले॥
जिस धरती पर माथा टेका,उसका अहसान चुका देना।
मादरे वतन की खातिर,अशफ़ाक-सी जान लड़ा देना॥
वंदे मातरम् मत कहना,गर मज़हबी नहीं इज़ाज़त है।
पर पड़ोसी की जय-जयकार,रिवायत नहीं बगावत है॥
इस जात-धर्म के झगडे़ में अब,मानवता को मत काटो।
तिरंगा एक ही रहने दो,इसे रंगों में तो न बाँटो॥

           #शशांक दुबे

परिचय : शशांक दुबे पेशे से उप अभियंता (प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना), छिंदवाड़ा, मध्यप्रदेश में पदस्थ है| साथ ही विगत वर्षों से कविता लेखन में भी सक्रिय है |

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।