स्वामी विवेकानंद जी 

0 0
Read Time1 Minute, 32 Second
l r seju
जब भारत अंग्रेजी हुकूमत का गुलाम था,
चारो और मचा हाहाकार था
भारत को महापुरुष  की पुकार थी,
तब भारतमाता ने लाल को जन्म दिया था।
१२ जनवरी १८६३ का दिन था,
कोलकाता की पावन धरा पर
श्री विश्वनाथ के घर जन्मे,
वह बालक नरेन्द्र दत्त थे।
जब कर ली बीए पास,
पिता का हुआ देहांत
वह जिज्ञासु प्रवृत्ति के,
संकटों से न घबराए
ईश्वरीय सत्ता और धर्म पर रखते शंका,
वह रामकृष्ण परमहंस के शिष्य थे।
भारत भम्रण कर अध्ययन किया धर्म ग्रन्थों का,
१८९३ में शिकागो धर्म सम्मेलन में भाग लेने वाले
विश्व गुरु भारत का आध्यात्मिक पक्ष रखने वाले,
वह महान विचारक स्वामी विवेकानंद थे।
सभी धर्मों के सत्य रूप स्वीकार करने वाले,
मानव समाज को उन्नत करने वाले
युवा वर्ग को सच्ची राह दिखाने वाले,
भारत के महापुरुष स्वामी विवेकानंद थे॥
           #एल.आर. सेजू
परिचय : एल.आर. सेजू थोब राजस्थान की तहसील ओसिया(जिला जोधपुर) में रहते हैं।आपको हिन्दी लेखन का शौक है। अधिकतर लेख लिखते हैं।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

शान बेटियां 

Sat Jan 13 , 2018
हैं भारत की शान बेटियाँ, गीता और पुराण बेटियाँ। सागर की लहरों-सी मंजुल- नम्र नमित मुस्कान बेटियाँ। गंगा की लहरों-सी कोमल, मानस की रचना-सी निर्मल। सदा सुमंगल बेला पावन- नित अधरों की गान बेटियाँ। कल्पलता-सी मंगल माया, रहती जिनके आँगन छाया। लक्ष्मी विद्या-सी वरदानी- सद्ज्ञानी शुचिमान बेटियाँ। सीता राधा गार्गी […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।