गागर में सागर

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chandrdatt
`अच्छा बच्चों! आज मैं मुहावरे सुनती हूं`l पांचवी कक्षा की शिक्षिका कविता ने बच्चों से कहा।
`मैडम जी! दोहराई करने दीजिए।` सस्वर सभी छात्रों ने नम्र निवेदन किया।
`ठीक है,दो मिनट देख लीजिए।`
‘शिक्षिका ने बड़प्पन दिखाया। इसके बाद शिक्षिका ने छात्रों की कॉपी बंद करवा दी और मुहावरे सुनने लगी। `देव,तुम गागर में सागर भरना` का अर्थ श्यामपट पर लिखो`,अध्यापिका ने अधिकार से कहा।
देव झट से उठा और श्यामपट पर `गागर में सागर` का अर्थ ‘मां’ लिख दिया।

#डॉ.चन्द्रदत्त शर्मा

परिचय : डॉ.चन्द्रदत्त शर्मा की जन्म तारीख २६ सितम्बर १९७२ और उपनाम-चंद्र हैl लेखन में आपकी विधा काव्य,लघुकथा,व्यंग्य,समीक्षा,जीवनी, नाटक,कहानी निबंध,संस्मरण और उपन्यास है। पीएचडी तक शिक्षित डॉ. शर्मा का निवास जिला रोहतक के ग्राम ब्राहमणवास (हरियाणा) में है। आपने कुल ३६ कृतियाँ रची हैं,जिसमें ६ प्रकाशित हैं। सम्मान देखें तो आपको प्रज्ञा साहित्य सम्मान,साहित्य सोम, साहित्य मित्र, निर्मल श्याम समिति से सम्मान,हरियाणा सोशल वेलफेयर सोसायटी से सम्मान और बिजनौर आदि तक में कुल १४ सम्मान मिले हैं। आप राष्ट्रीय संगोष्ठियों में शामिल होने के साथ ही १२ वर्ष तक आकाशवाणी रोहतक में काव्यपाठ करते रहे हैं। सम्प्रति से हिंदी प्राध्यापक हैं। एक पत्रिका के सम्पादक होने के साथ ही हरियाणा में साहित्यिक मंचों से भी जुड़े हैं,तो सामाजिक कार्य में गो सेवा,पर्यावरण संरक्षण तथा रक्तदान में सक्रिय हैं। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन के साथ ही करीब २५ शोध-पत्र छपे हैं।

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।