वादा किया खुद से आज,
मानूँगी ना मैं यूँ हार।
कोई जाल बिछाए,
या सडयंत्र रचाए।
मेरे हर कदम पर,
काँटे बिछाए।
लक्ष्य पर मेरा,
है बस निशाना।
कैसे भी करके,
है इसको पाना।
वादा किया खुद से………
जो निराशा सताए,
नजऱ कुछ ना आए।
उम्मीद का कोई ,
हर दीपक बुझाए।
हर मुश्किल से लड़ना,
बस मेरा फ़साना।
है सबको कुछ अब,
करके दिखाना।
वादा किया खुद से……….
माना कठिन हैं,
जीवन की राँहें।
ये संभव नहीं है,
कि हम हार जाएँ।
आता है हमको,
बाजी जीत जाना।
तूफानों में भी,
सदा मुस्कुराना।
वादा किया खुद से ……….
स्वरचित
सपना (स. अ.)
प्रा.वि.-उजीतीपुर
वि.ख.-भाग्यनगर
जनपद-औरैया