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प्यारी औ प्यारी मईया,कहते हैं कृष्ण मुरारी क्या,
राधा से कर दो सगाई,मेरी राधा से कर दो सगाई…
प्यारी औ प्यारी मईया,कहते हैं कृष्ण मुरारीl
सुन्दर से सुन्दर है,वो सबसे न्यारी,
कहो तो कल ही ला दे,जमुना से झारी…
दिल की भी सुन्दर है,ये सब बोले कन्हैयाl
लगता पुराना कोई बंधन है मैया,
वरसाने जा कर दे,रस्मों की गोद भराईl
राधा से कर दो सगाई,मेरी राधा से कर दो सगाईll
जादूगरी राधा का जादू है कृष्णा,
मीठी-मीठी बातों के जाल में न फ़साना…
लाऊंगी ऐसी बहू लाखों में होगी,
तेरी सगाई ऐसी-वैसी से न होगी…
राधा से कट्टी कर ले,इसमें ही तेरी भलाईl
कैसे में कर दूँ सगाई,तेरी कैसे मैं कर दूँ में सगाईll
प्यारी औ प्यारी मईया,कहते हैं कृष्ण मुरारी,
राधा से कर दो सगाई,मेरी राधा से कर दो सगाई…
प्यारी औ प्यारी मईया,कहते हैं कृष्ण मुरारीll
#संजय जैन
परिचय : संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं पर रहने वाले बीना (मध्यप्रदेश) के ही हैं। करीब 24 वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं।ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों पर भी दिखा चुके हैं। इसी प्रतिभा से कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखते हैं। मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है,जबकि लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।
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