यूँ तो हर रोज
कई चेहरों का, वखान होता है
कोई एक होता है
जिसका दिल में, स्थान होता है।
नाजुक सा दिल
बडा विशाल होता है
दिल में बसने वालो का
हर दर्द का आभास होता है
यूँ तो हर रोज ▪▪▪▪▪▪▪▪
आँखो के रास्ते ही
दिल के दरवाजे दिखते है
बडी मुकद्दर से
दिल से, दिल का मिलान होता है
यूँ तो हर रोज▪▪▪▪▪▪▪▪▪
दिल मिल जाए तो
परवाह नही औरो की
क्योंकि दिल ही तो
चेहरों को मुस्कान देता है
यूँ तो हर रोज▪▪▪▪▪▪▪▪
“आशुतोष”
नाम। – आशुतोष कुमार
साहित्यक उपनाम – आशुतोष
जन्मतिथि – 30/101973
वर्तमान पता – 113/77बी
शास्त्रीनगर
पटना 23 बिहार
कार्यक्षेत्र – जाॅब
शिक्षा – ऑनर्स अर्थशास्त्र
मोबाइलव्हाट्स एप – 9852842667
प्रकाशन – नगण्य
सम्मान। – नगण्य
अन्य उलब्धि – कभ्प्यूटर आपरेटर
टीवी टेक्नीशियन
लेखन का उद्द्श्य – सामाजिक जागृति