ये दुनिया वृक्ष है,इसका तना मेरी माँ l
समाज उसका फल है तो उसे सींचती ये मातृशक्ति ll
ठूँठ बाल जीवन को,हरा-भरा करती मातृशक्ति l
स्वयं शक्ति का रूप,पर रक्षा का बंधन करती मातृशक्ति ll
खुद पवित्रता की मूरत,पर अग्नि परीक्षा देती मातृशक्ति l
घर ही नहीं,शासन भी चलाती मातृशक्ति ll
जग का कल्याण करने चली,छोड़ यशोधरा अकेली मातृशक्ति l
अपने फर्ज पर,अपने दूध का कर्ज का उतारती मातृशक्ति ll
अपना दामन बचाने को जौहर भी कर जाती मातृशक्ति l
अपने सम्मान की रक्षा करने बाँध शिशु को पीठ पर युद्ध में उतर जाती मातृशक्ति ll
भूत नहीं,वर्तमान भी नतमस्तक है मातृशक्ति l
मेरे शब्दों की अपनी सीमा मेरा कण-कण समर्पित
मातृशक्ति ll
#टीना जैन
परिचय: टीना जैन पुश्तैनी परम्पराओं के लिए प्रसिद्ध राज्य राजस्थान से है। १९८० में आपका जन्म हुआ और शिक्षा स्नातक सहित एम.ए., बी.एड. तथा एम.एड. भी है। बतौर गृहिणी आप शहर उदयपुर के खेरवाड़ा (तहसील रोड) में रहती हैं। आपकी रुचि कविता लेखन में है।