हुनर

3
0 0
Read Time1 Minute, 55 Second

bhavana kumari
रूठे सागर को मनाने का हुनर आता है,
चांद काे ख्वाब दिखाने का हुनर आता है l

दर्द काे फूल-सलीके से बना देते हैं,
जिनको हर जख्म भुलाने का हुनर आता है l

पल में सो जाता है आंचल में बिलखता बच्चा,
मां को क्या खूब सुलाने का हुनर आता है l

वो लगा देते हैं चेहरे पे उजाले अक्सर,
जिनको आईना बनाने का हुनर आता है l

तिल को इक पल में ही जो ताड़ बना देते हैं,
उनको अखबार चलाने का हुनर आता है l

                                                            #डॉ. भावना

परिचय: डॉ. भावना का जन्म-20 फरवरी,1976 को हुआ है l आपकी शिक्षा-एमएससी(रसायन शास्त्र),पी.एच-डी. के साथ ही एलएलबी,डी.एन.एच.ई. है l आप बिहार प्रदेश के मुजफ्फरपुर में न्यू पुलिस लाइन के समीप(बैरिया) रहती हैं l पेशे से प्राध्यापिका डॉ.भावना की प्रकाशित कृतियों में-अक्स कोई तुम-सा (ग़ज़ल-संग्रह),शब्दों की कीमत (ग़ज़ल -संग्रह) तथा सपनों को मरने मत देना (काव्य संग्रह) आदि प्रमुख हैं l सम्मान के रूप में आपको-राजभाषा विभाग(बिहार सरकार)से पाण्डुलिपि पुरस्कार, दिव्य स्मृति प्रतिष्ठा पुरस्कार सहित सृजन लोक युवा कविता सम्मान-२०१७ भी मिला है l विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में कविता, आलेख,गज़लें व समीक्षाएं निरंतर प्रकाशित होती रहती हैं l दूरदर्शन से भी रचनाओं का प्रसारण हुआ है तो आप मंच संचालन में भी सक्रिय हैं l

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

3 thoughts on “हुनर

  1. बहुत ही बेहतरीन गजल है
    इसी तरह बेहतरीन गजल लिखने के लिए शुभकामना करता हूॅ

  2. बहुत ख़ूब ! उम्दा ग़ज़ल !! हार्दिक बधाई !!!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

वाह रे वाह जमाना

Wed Aug 30 , 2017
वाह रे वाह जमाना, मिलती न जिन्हें आधुनिकता,सुख,प्यार तो शुरु करते हैं अत्याचार, भुलाकर मानवता की सीमा रच ढोंग अध्यात्म का, चलाते हैं व्यापार वाह रे वाह जमाना l मानवता का ज्ञान न जिसको,  वह खुद को ईश्वर का प्रतीक बताता राम-रहिमन की मर्यादा की, है बोली ऊँचे मंचों से लगाता वाह […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।