कैसे ज़हर उगल डाला

0 0
Read Time2 Minute, 11 Second
koushal aas
भारत में रहते हो फिर क्यों,
कहते हो डर लगता है ।
शायद चोर तुम्हारे मन का,
अब तक लगता जगता है॥
हिन्दू का है देश इसी से,
हिन्दुस्तान कहाता है।
धर्म-द्वेष का भाव तजो सब,
हिन्दू धर्म सिखाता है॥
मूर्त अमूर्त सभी पूजन विधि,
इसमें पाई जाती हैं।
इसीलिए वेदों की महिमा,
जग में गाई जाती है॥
अपने मन का चोर निकालो,
अरु जिहाद करना छोड़ो।
पशुओं का वध बंद करो,
गाँधी से नाता जोडो़॥
मरते दम तक जिसने अपना,
जीवन तुमको दान किया।
सिर्फ तुम्हारी खातिर जिसने,
अपने को बदनाम किया।।
हिन्दू होकर हित चिंतन वो,
भारत का नहीं कर पाए।
जिन्ना प्यारे सदा रहे पर,
हिन्दू कभी नहीं भाए॥
पाक देश दे डाला तुमको,
जैसे ये नापाकी हो।
फिर भी घबराहट है दिल में,
खुशी कभी नहीं झाँकी हो॥
कारण सोचो क्यों है ऐसा,
चोर कहाँ तुमने पाला।
पद छूटते ही तूने इतना,
कैसे जहर उगल डाला॥

                                                          #कौशल कुमार पाण्डेय ‘आस’

परिचय : कौशल कुमार पाण्डेय ‘आस’ की  शिक्षा एमकाम,एमएड सहित साहित्याचार्य भी है। आप पीलीभीत(उ.प्र.) के बीसलपुर में रहते हैं। विधा की बात करें तो,गीत, मुक्तक,छंद,गजल लिखते हैं। कई सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक,साहित्यक एवं धार्मिक संस्थाओं में दायित्व पर हैं। आपके रचित कालसेन चालीसा व सप्तक प्रकाशित हुए हैं तो,कुछ पुस्तकों का सम्पादन भी किया है। साथ ही कवि सम्मेलन व क्षेत्रीय गोष्ठियों में सहभागिता भी करते हैं। कई विद्यालयों व संस्थाओं से सम्मान पत्र मिले हैं।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

परम इतिहास प्यारा है

Tue Aug 22 , 2017
चमन के फूल हम सारे, हमारा देश न्यारा है। हमारी भूमि में शामिल, परम इतिहास प्यारा है॥ हिमालय की बुलंदी से, यही आवाज है आती। बचा लो हिन्द के वीरों, वतन के आन की थाती॥ लुटाया लाल माँओं ने, दुल्हन पति को बहन भाई। बहुत कुर्बानियाँ लेकर, ये आजादी – […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।