कभी-कभी ऐसा भी

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bagga
कभी-कभी ऐसा भी हो जाता है,
पंछी आशियाने से जुदा हो जाता है।
वो बचपन,जब खेले थे साथ-साथ,
लड़ना भी शामिल था अक्सर जिसमें…
वो बचपन भी कहीं खो जाता है।
ऐसा भी होता है अक्सर कि,
माँ का कलेजा,माँ से जुदा हो जाता है।
बेटी होती है बड़ी तो…
घरवालों से पहले,
बाहर वालों को पता चल जाता है।
                                    #नीलू बग्गा
लेखक परिचय : लुधियाना निवासी नीलू बग्गा लेखक और शायरा के रुप में लेखन के क्षेत्र में किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। जिस छोटी उम्र में बच्चे खेलते हैं ,उस उम्र से ही ये गीत लिखती रही हैं। 1978 में जालंधर के ब्यास पिंड में  जन्मी नीलू बग्गा लुधियाना में पली हैं और बचपन से ही लिखने का शौक रखती हैं। डायरी भी लिखा करती थी। वर्तमान में कई साहित्यिक संस्थाओं से लेखक के तौर पर जुड़ी हुई हैं।

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One thought on “कभी-कभी ऐसा भी

  1. चल फिर एक मुकमल किताब लिख डाले…
    जिस में तेरी रुसवाइयों से लेकर…
    तेरे हर तिषणों का जिक्र हो …
    और तूँ मेरे बाद जब जब उसे पढ़ें …
    मेरी उस मुहोब्बत को याद करे …
    जिसे मैने बिना किसी इवज में तुम से किया…
    Neelu Bagga

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।