हिम्मत

0 0
Read Time1 Minute, 36 Second
praneeta sethiya
टूट गई है मेरी हिम्मत,
पस्त हो गया हौंसला।
कितनी मुश्किल से जोड़कर,
बुना था एक घोंसला।
ख्वाब का ताना-बाना बुनकर,
खड़ा किया एक आशियाना।
जिंदगी के इम्तिहान ने,
कर दिया चकनाचूर लेकिन,
मैं भी लाचार और बेबस नहीं।
कर लो चाहे जितना भी मजबूर,
मैं गिरूंगा उठूंगा,फिर सम्भलूंगा।
जोड़ अपने मजबूत इरादों को,
फिर बुनूंगा एक घोंसला।
तोड़ नहीं सकता अब कोई,
मेरा मजबूत हौंसला॥
                                                            #प्रणिता  सेठिया ‘परी’ 
 
परिचय : प्रणिता राकेश सेठिया का लेखन में उपनाम ‘परी’ है। आप 
रायपुर(छत्तीसगढ़)में रहती हैं। लेख,कविता,गीत,नाटिका,लघुकथा,
कहानी,हाइकु,तुकांत-अतुकांत आदि रचती हैं। आपकी साहित्यिक उपलब्धि यही है कि,कई सामाजिक पत्रिकाओं तथा समाचार पत्रों में रचनाएं प्रकाशित होती हैं। शतकवीर सम्मान,महफ़िल-ए-ग़ज़ल और काव्य भूषण सम्मान से अलंकृत हो चुकी हैं। हाइकु रचनाकारों की किताब में आपकी रचना भी जल्दी ही प्रकाशित होगी। अन्य उपलब्धि में उच्च १० उद्यमी महिलाओं में आप चौथे क्रम पर रहीं हैं। प्रणिता राकेश सेठिया ‘परी’ ने उत्कृष्ट समाजसेवा के लिए कई बार सम्मान पाया है।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

बंधन

Mon Aug 21 , 2017
बंधन प्यार का स्वीकार कीजिए, एक दूजे को सदा प्यार कीजिए। छोड़ो भी जाति धर्म की लड़ाई, किसी का न तिरस्कार कीजिए। वंदन दिलों के रिश्ते दिलों से जोड़ लो, न टूटे भरोसा ऐतबार कीजिए। मान करो सदा सम्मान करो, इज्जत न किसी की तार-तार कीजिए। बिखेर कर खुशियां बनी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।