त्रिशला नंदन बनकर जग में आए,
ऐसे हैं महावीर।
माता-पिता का मान बढ़ाया,
ऐसे हैं महावीर।
कर्त्तव्य पथ पर चलने को उद्वेलित करते,
ऐसे हैं महावीर।
राज-पाट सब छोड़कर मानव सेवा का धर्म निभाया,
ऐसे हैं महावीर।
अहिंसा परमो धर्म: का पाठ पढ़ाते,
ऐसे हैं महावीर।
चौबीसवें तीर्थंकर बन कर हम सब के आराध्य कहलाए,
ऐसे हैं महावीर।
भवसागर से पार लगाते,
ऐसे हैं महावीर ।
जिनके चरण इंद्र ने पूजे,
ऐसे हैं महावीर।
जिनकी यश गाथा ब्रह्मांड है करता, ऐसे हैं महावीर।
सिद्धार्थ राजा के पुत्र जिनका पालीताणा है धाम,
ऐसे हैं महावीर।
हम सब के अंतर्मन में दया जगाते,
ऐसे हैं महावीर।
#ऋचा दिनेश तिवारी
आनंद बाग देवास