Read Time4 Minute, 51 Second
श्रीमती माला महेंद्र सिंह, (एम एस सी, एम बी ए, बी जे एम सी)
अनिरुद्ध जी की प्रशासनिक सेवाएं कल समाप्त होने जा रही है। जीवन के साठ वसंत देखने के साथ जीवन के हर खट्टे-मीठे अनुभव का स्वाद चखने का अपना अलग ही आनन्द है। ये ही उनकी फिलोसॉफी है कि,जहाँ भी रहे हंसते -मुस्कुराते अपना कार्यकाल पूरा किया। जिंदादिली ही सदैव से उनकी पहचान रही है,हर कठिन-से- कठिन परिस्थिति से प्रशासन को सफलतापूर्वक बचा लेने का हुनर ही पूरे संकुल में उनकी विशिष्ट पहचान है। आज सभी की आँखें नम हैं, सब समझ नहीं पा रहे कि, उन्हें बधाई दें या उनकी अनुपस्थिति कितनी खलेगी ,इसके लिए दुःख व्यक्त करें..। सभी ने उनके साथ अनौपचारिक चाय पीने का कार्यक्रम बनाया। खैर,बातों-बातों में उनके सहयोगी रवैये को याद करके अन्य साथियों की आँखें नम हो आई, लेकिन अनिरुद्ध जी फिर भी मुस्कुरा ही रहे थे। स्वाभाविक है अंतर्मन से वो भी दुखी ही होंगे, दिनचर्या जो प्रभावित होने वाली थी, पर अपने अंतस के पशोपेश को उन्होंने अपने चेहरे के भाव में झलकने नहीं दिया । अपने चिरपरिचित अंदाज के साथ वो जो बोले, वो हम सभी के लिए जीवन में उतारने योग्य है।
अपने सभी साथियों को रुआंसा देख अनिरुद्ध जी ने कहा -‘भाई,अब बुढ़ापे में चैन की सांस लेने दोगे कि नहीं ? मुझे अपने नाती-पोतों के साथ समय बिताना है, शांति से सुबह की चाय शांति (पत्नी) के साथ पीनी है,दोपहर का खाना सयंम (बेटा) के साथ खाना है,सुरुचि (बहू) के साथ सीरियल देखना है, संकल्प (पोता) के साथ सामाजिक क्षेत्र में भी कुछ करना है।आप सबने मुझसे बहुत काम कराया है भाई, अब जीवन के इस मोड़ पर आराम करूँगा।वो सब जो समय के अभाव में नहीं कर पाया,वो सब अब बेफिक्र होकर करूँगा।’
कितना सही कहा है अनिरुद्ध जी ने कि, रिटायरमेंट का मतलब नीरस जीवन नहीं, बल्कि जिंदगी की एक नई सुनहरी शुरुआत है,आपके अपने सपनों की नई पारी की शुरुआत है। स्कूल का विद्यार्थी स्कूल से रिटायर, कॉलेज का कॉलेज से, कार्यालय में काम करने वाला कार्यालय से..तो,यह जीवन तो यूँ ही चलने वाला है। हम अपने जीवन के विभिन्न पहलूओं को किस दृष्टि से देखते हैं, फर्क केवल इतना ही है।जैसे अनिरुद्ध जी ने अपने रिटायरमेंट के बाद अपने और परिवार के लिए सोचा, वैसे ही हम भी जीवन के विभिन्न रिटायरमेंट ( पीरियड) का आनंद लेकर सहर्ष आगे बढ़ें,तो जीवन की खुशी बनी रहेगी।
लेखिका परिचय: श्रीमती माला महेंद्र सिंह, (एम एस सी, एम बी ए, बी जे एम सी)
विगत एक दशक से अधिक समय से महिला सशक्तिकरण हेतु कार्यरत। जय विज्ञान पुरस्कार, स्व आशाराम भाटी छात्रवृत्ति, तेजस्विनी पुरूस्कार, गौरव सम्मान, ओजस्विनी पुरुस्कार, युवा पुरस्कार जैसे कई सम्मान प्राप्त कर चुकी है। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व राष्ट्रीय युवा उत्सव व विभिन्न राष्ट्रीय वक्त्रत्व कौशल प्रतियोगिताओ में किया। एन सी सी सिनीयर अंडर ऑफिसर रहते हुए, सामाजिक क्षेत्र में सराहनीय कार्य हेतु सम्मानित की गई। सक्रीय छात्र राजनीती के माध्यम से विद्यार्थि हित के अनेक आंदोलनों का नेतृत्व किया। अभ्यसमण्डल, अहिल्याउत्सव समिति जैसी कई संस्थाओ की सक्रिय सदस्य है। समय समय पर समसामयिक विषयो पर आपके आलेख पढ़े जा सकते है।
Post Views:
390