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(अंतरराष्ट्रीय योग दिवस विशेष)
भारत ने दिया विश्व को एक ज्ञान,
‘योगविद्या’ है भाई, जिसका नाम।
आओ-आओ, रोज करें हम योग,
स्वस्थ जीवन होगा फिर निरोग।
योग से बढ़ती है मन की शक्ति,
आलस्य में न हो तेरी आसक्ति।
नित्यप्रति करता जो प्राणायाम,
बढ़ते हैं उसकी साँसों के आयाम।
योग संग बदलो अब जीवनशैली,
दोष-दुर्गुणों से भी मन हो खाली।
प्रकृति के संग भी रहना सीखो,
स्वच्छ प्राणवायु को अंदर खींचो।
योग क्रियामात्र नहीं,है एक दर्शन,
जिससे प्रफुल्लित होता है जीवन।
‘प्रेमयोग’ को व्यवहार में उतारो,
क्रोध मोह को तो मन से बिसारो।
‘कर्मयोग’ को पर जाना नहीं भूल,
खिलेंगे इससे देश में प्रगति के फूल।
#गुणवती गुप्ता ‘गार्गी’
परिचय : सुश्री गुणवती गुप्ता छत्तीसगढ़ के पुसौर (जिला रायगढ़) में रहती हैं। आपकी शिक्षा एम.ए.(संस्कृत) और जन्म स्थान पुसौर ही है। व्यवसाय से प्रधान पाठक हैं। सन्त गाडगे लोक शिक्षक अवार्ड 2014 सहित बेस्ट टीचर ऑफ़ दी इयर अवार्ड 2015,सावित्री बाई फुले नेशनल अवार्ड 2016 से भी आप सम्मानित हैं। विभिन्न विषयों पर लेखन करती रहती हैं।
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