
इंदौर। देश के सुप्रसिद्ध साहित्यकार, पद्मश्री प्रो. रामदरश मिश्र का आज शाम राजधानी दिल्ली में निधन हो गया है।
प्रो. रामदरश मिश्र जी का जन्म 15 जून 1924 को गोरखपुर जिले के कछार अंचल के गाँव डुमरी में हुआ था। आपके पिता रामचन्द्र मिश्र और माता कमलापति मिश्र हैं।
प्रो. मिश्र बहुआयामी रचनाकार रहे, आपकी सुदीर्घ साहित्यिक सेवाओं के लिए वर्ष 2025 में आपको भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से भी अलंकृत किया। हाल ही में मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा जीवन गौरव सम्मान से भी सम्मानित किया गया। आपने कई किताबें लिखी हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने कहा कि ‘निःसंदेह एक पिता तुल्य व्यक्तित्व का देह को त्यागकर अक्षर देह में परिवर्तित हो जाना, हमारे समय की अपूरणीय क्षति है। कई स्मृतियों के साथ उनसे जुड़ाव रहा, पुस्तक मेले में हुई उनसे मुलाक़ात, घर पर पूज्य माताजी सरस्वती देवी जी की मौजूदगी में उनका आशीर्वाद और फिर कई कार्यक्रम और भेंट। ऐसी अनगिनत स्मृतियों को आज आँखों को भिगाने का अवसर मिल गया।’

संस्थान की राष्ट्रीय सचिव भावना शर्मा ने कहा कि ‘हम भाग्यशाली हैं कि हमें कीर्तिशेष रामदरश मिश्र जी का सानिध्य, साथ और सम्बल मिला है।’

उनके निधन पर कवि राजकुमार कुम्भज, मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ सहित राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नितेश गुप्ता, राष्ट्रीय सचिव भावना शर्मा, सह सचिव सपन जैन काकड़ीवाला, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष शिखा जैन, कार्यकारिणी सदस्य गणतंत्र ओजस्वी, डॉ. नीना जोशी, मणिमाला शर्मा, अनुपमा समाधिया आदि सदस्यों ने गहरा दु:ख व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।


