विश्व पुस्तक मेले में सुषमा व्यास ‘राजनिधि’ का कहानी संग्रह ‘तीसरे क़दम की आहट’ का हुआ लोकार्पण

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नई दिल्ली। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास द्वारा भारत मण्डपम में आयोजित विश्व पुस्तक मेला 2025 में हॉल 2 में संस्मय प्रकाशन के स्टॉल एन 09 पर इन्दौर की लेखिका सुषमा व्यास ‘राजनिधि’ का कहानी संग्रह ‘तीसरे क़दम की आहट’ का लोकार्पण सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार श्री रणविजय राव एवं डॉ. लालित्य ललित के आतिथ्य में हुआ। इस संग्रह को संस्मय प्रकाशन ने प्रकाशित किया है।
अतिथि डॉ. लालित्य ललित ने कहा कि ‘मानवीय पक्षों को बेहतरीन तरीक़े से कहानी में रखकर पाठकों के लिए सहज और सुलभ इन कहानियों में भरमार है।’
अतिथि रणविजय राव ने कहा कि ‘आहट जब कुछ अच्छा होने वाला होता है तब होती है, इस कहानी संग्रह से भी पाठकों को लाभ होगा।’
इस मौके पर संस्मय प्रकाशन की संस्थापक शिखा जैन, निदेशक भावना शर्मा, मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’, वरिष्ठ साहित्यकार अशोक मिश्र आदि मौजूद रहे।

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मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।