कभी-कभी उदास या तंग माहौल में भी
अपने ही अक्स से मिल लिया करते,
भीड़ भरे माहौल में भी जब तन्हाई पाती हूं,
तब ख़ुद से ही बात कर मन के जज़्बातों में नहीं नमी पाती हूं,
इस संगदिल दुनिया में जब चारों और उदासी पाती हूं,
तब हर बार अपने से ही मिलकर एक अजीब-सा सुकून पाती हूं।
#राधिका रितेश मंडलोई
इंदौर, मध्यप्रदेश
परिचय-
नाम – राधिका रितेश मंडलोई
शिक्षा- बी.कॉम, एम.ए अर्थशास्त्र एवं एम.ए हिंदी लिटरेचर
निवास- इंदौर, मध्य प्रदेश
साहित्य दायित्व- विचार प्रवाह साहित्य मंच में प्रचार प्रसार पद पर कार्यरत
श्री श्री गौड़ संवाद, समाचार पत्रिका एवं मालवी जाजम में लेखन