साहित्य अकादमी से कृति पुरस्कृत रचनाकारों का हुआ अभिनंदन

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अहिल्या पुस्तकालय में 133 वी पाठक संसद

इंदौर। पाठक संसद की 133वीं साहित्यिक मासिक गोष्ठी , मंगलवार को शासकीय श्री अहिल्या केंद्रीय पुस्तकालय के संगोष्ठी हॉल में संपन्न हुई। कार्यक्रम के प्रथम भाग में साहित्य अकादमी मध्यप्रदेश द्वारा वर्ष 2018 से 2021 तक के पुरस्कृत कृतिकार जिसमें इंदौर के 19 साहित्यकार हैं और उनमें भी आठ हिंदी परिवार इंदौर के सभी का भाव भीना अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम का संचालन कर रहे हिंदी परिवार के अध्यक्ष हरेराम बाजपेई ने पुरस्कृत कृतियों के रचनाकारों का संक्षिप्त परिचय देते हुए उनका स्वागत कराया जिनमें सर्व श्री आलोक शर्मा, प्रताप सिंह सोढ़ी, लोक भाषा मालवी की हेमलता शर्मा भोलीबेन, अश्विनी कुमार दुबे, डॉक्टर गरिमा संजय दुबे ,डॉक्टर बुला कार, डॉ अर्पण जैन अविचल, सतीश राठी एवं ज्योति जैन का अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर पुस्तकालय प्रमुख लिली डावर का भी अभिनंदन किया गया जिनका गत सप्ताह उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए इंदौर के जिलाधीश श्री टी इलैयाराजा ने प्रशंसा पत्र देकर स्वयं उनका अभिनंदन किया । कार्यक्रम की अध्यक्षता हर्षवर्धन दीक्षित ने की जिन्होंने पाठक संसद के इस अनुपम कार्यक्रम की प्रशंसा की। डॉ अर्पण जैन एवं ज्योति जैन ने भी आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि अब साहित्य का केंद्र इंदौर हो चुका है जिसको हिंदी परिवार जैसी संस्थाएं इस प्रकार से ऊंचाइयां प्रदान कर रही है, और साहित्यकारों को जोड़ने में अहम भूमिका का निर्वाह संस्था द्वारा किया जा रहा है। कार्यक्रम के दूसरे भाग में तृप्ति मिश्रा द्वारा माँ सरस्वती की वंदना प्रस्तुति के बाद साहित्यकारों ने रचना पाठ किया जिसमें सर्व श्री प्रभु त्रिवेदी,सदाशिव कौतुक, डॉक्टर शशि निगम ,रजनी रमन शर्मा मुकेश तिवारी, वाणी जोशी , आरती दुबे, भीम सिंह पंवार, राहुल मेतांगे, गायत्री प्रसाद शुक्ला, नयन राठी, ओम उपाध्याय तथा कृति पुरस्कृत रचनाकारों ने भी काव्य पाठ किया ‌अंत में आभार श्री प्रदीप नवीन ने व्यक्त किया ।


इस अवसर पर डॉ कृष्णा अग्निहोत्री,श्री मिथिला प्रसाद त्रिपाठी ,श्री नर्मदा प्रसाद उपाध्याय, श्री अरविंद जवलेकर ,श्री केशव गुप्ता ,श्री राधेश्याम आचार्य ,श्रीअनिल त्रिवेदी, श्री संतोष मोहंती ,श्रीअजय जैन विकल्प ,श्री सूर्यप्रकाश चतुर्वेदी, कुंवर उदयसिंह अनुज एवं जगदीश जोशीला को भी उनकी अनुपस्थिति में परिचय देते हुए उनके प्रति शुभकामनाएं व्यक्त की गई।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।