विश्व मे सबसे पहले पूजें जाते है गुरु ,
विश्व मे सबसे महान होते है गुरु ,
गुरु बिन ज्ञान कि कल्पना नही कि जाती ,
गुरु बिन मानवता का कोई अस्तित्व नही होता ,
गुरु हमें ज्ञान कि शिक्षा, दीक्षा देते है ,
गुरु हमारे सपनों को हमेशा साकार करते है ,
जीवन के सबसे पहले गुरु माँ-बाप होते है ,
जीवन के सबसे पहली पाठशाला हमारी घर होती है ,
सबके लिए गुरुओं कि जरुरत होती है ,
भले शिक्षा हो या कला, खेल, अभिनय ,
गुरु बिन कुछ नही है सकारमय ,
गुरु बिन जीवन है अंधकारमय ,
गुरु बिन जीवन है अशिक्षित ,
गुरु बिन जीवन है पशुओं के समान ,
जहां गुरु नही होते वहाँ बुद्धि नही होती ,
जहां गुरु नही होते वह जगह जंगल के समान है ,
गुरु से ज्ञान कि उत्पति होती है ,
ज्ञान से विज्ञान, साहित्य, कला, अभिनय ,
समाजिक रहन सहन कि उत्पति होती है ,
गुरु बिन जीवन का अस्तित्व ही क्या है ,
गुरु है तो दुनिया है , दुनिया है तो ,
संसार है और संसार है तो ज्ञान का भंडार है !
रुपेश कुमार
सिवान (बिहार)