तुम हो आशा हमारी,
जीने का सहारा तुम हो।
भवसागर में फंसे हम,
जिसका किनारा तुम हो।
तुझसे है धरा पर जीवन,
तुझसे ही साँसे हमारी।
तुझसे हर सुबह हमारी,
तुझसे ही रैन हमारी।
रखना ख्याल सबका,
बस इतनी सी कृपा हो।
भवसागर में फंसे हम,
जिसका किनारा तुम हो
तुम हो आशा हमारी…….
भटके हैं हम पथ से,
हमको राह दिखा दो।
निराशा भरी है मन में,
उम्मीद दिल में जगा दो।
रखना हाथ सिर पर,
बस इतना सा करम हो।
भवसागर में फंसे हम,
जिसका किनारा तुम हो।
तुम हो आशा हमारी…….
अपने ही रूठे हैं हमसे,
हमको तुम अपना लो।
प्यार दया और करुणा,
हमपर थोड़ी लुटा दो।
रहें छत्रछाया में तेरी,
बस इतना सा रहम हो।
भवसागर में फंसे हम,
जिसका किनारा तुम हो।
तुम हो आशा हमारी…….
आए कोई भी मुश्किल,
हर हाल में मुस्कुराएं।
नैया पड़ी हो भंवर में,
जरा भी ना हम घबराएं।
देना हमें ऐसी भक्ति,
बस तेरा सुमिरन हो।
भवसागर में फंसे हम,
जिसका किनारा तुम हो।
तुम हो आशा हमारी…….
स्वरचित
सपना (सo अo)
जनपद-औरैया