अय्याशी का अड्डा बन चुके सांसद साहब के फार्म हाउस में नित नये-नये कारनामे हो रहे थे, परंतु शहर के किसी समाचार पत्र, न्यूज़ चैनल पर इस संबंध में कभी कोई खबर नहीं आई । फार्म हाउस में आधुनिक सब सुख सुविधाएं उपलब्ध थीं । स्विमिंग पूल, डांस फ्लोर, जिम, ड्रिंक्स डिनर, अंग्रेजी स्लीपिंग रूम, लजीज खाना और इसके अलावा विदेशी कॉलगर्ल सहित देसी भारतीय युवतियों सहित तमाम सुविधाएं फार्म हाउस में उपलब्ध थीं ।
देर रात शहर के बड़े -बड़े आदमी सरकारी, अर्द्ध सरकारी, कुछ गुंडे – मवाली अपनी हाजिरी देने फार्म हाउस पर पहुंच जाते । जब भी सांसद साहब की पार्टी का कोई बड़ा नेता शहर में आता तो फार्म हाउस में एक-दो रात जरूर गुजार कर जाता ।
समय बदला….. सांसद साहब चुनाव हार गये, वे हारे सो हारे उनकी पार्टी का भी दिवाला निकल गया । सरकार बदली…. कार्यवाही शुरु ! जो पुलिसिया अधिकारी कभी फार्म हाउस में मौज मारा करते थे और सांसद साहब के चरणो में पड़े रहते थे । वे ही आज खड़े होकर फार्म हाउस पर बुलडोजर चलवा रहे थे ।
मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
आगरा, उत्तर प्रदेश