पार्ट। 2
देश के हालात खराब है,
क्या करोगे तुम देखकर।
कुछ लोग देश बेच रहे हैं,
रों पडोगे तुम देखकर।।
अमीर और अमीर हो रहा है,
देश के नेता उनके गुलाम है।
चन्दा हर पार्टी को वे देते,
क्या कर पाओगे तुम देखकर
नहीं राजनीति शरीफो की,
वह अब गुंडे बदमाशों की।
क्या करोगे संसद में जाकर,
जूत पतरंग वहा देखकर।।
सेल लगी है देश में अब,
रेप भ्रष्टाचार व क्राइम की।
पचास प्रतिशत इसमें छूट है,
क्या करोगे तुम खरीद कर।।
कुछ लोग देश को बेच रहे,
गुलाम बनाने के ही लिए।
क्या हासिल कर लिया तुमने,
तुमने देश में आजादी लेकर।।
एक तरफ कोरोना का रोना,
दूसरी तरफ लोग भयभीत है।
कुछ नहीं कर पाओगे तुम,
कोरोना के आंकड़े देखकर।।
राम मंदिर तो बन जाएगा,
अवध विकसित हो जाएगा।
रामराज तो नहीं आएगा,
आस्था का विषय बताकर।।
युद्ध के बादल मंडरा रहे,
सीमाओं पर बड़ा तनाव है।
चीन व पाक धोखेबाज है,
क्या मिलेगा उनसे बात कर।।
हालात बद से बदतर हो रहे है
कैसे सुधार तुम कर पाओगे।
रस्तोगी को लिखना बहुत था,
जब कलम रोने लगी देखकर।
आर के रस्तोगी
गुरुग्राम