*डॉ कुँवर बेचैन संवेदनाओं के कवि- उषा ठाकुर*
इंदौर।
प्रेम और सौहार्द के कवि के रूप में हिन्दी कवि सम्मेलनों के स्वर्णाक्षर रहे डॉ कुँवर बैचैन की स्मृतियों को चिर स्थायी बनाने के उद्देश्य से मातृभाषा उन्नयन संस्थान के माध्यम से मध्यप्रदेश की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने डॉ कुँवर बेचैन पर डाक टिकट लोकार्पित किया। साथ में संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अर्पण जैन ‘अविचल’ साथ रहें।इस अवसर पर मध्यप्रदेश शासन में संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि ‘डॉ कुँवर बेचैन मानवीय संवेदनाओं के कवि रहें है, उनकी जन्मजयंती के अवसर पर मातृभाषा उन्नयन संस्थान के माध्यम से डाक टिकिट लोकार्पित करना मेरा सौभाग्य हैं।’बीते दिनों कोरोना से लड़ते हुए हिन्दी कवि सम्मेलनों के शिखर कलश डॉ कुँवर बैचैन जी का निधन हो गया था, आज उनकी जन्म जयंती के उपलक्ष्य में डॉ बेचैन की स्मृति में जारी डाक टिकट के लोकार्पण में कवि गौरव साक्षी, मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य नितेश गुप्ता, सुनील शेखावत, गोविन्द पँवार आदि उपस्थित रहें।