हे धरती के भगवान सुनो,
करना हम पर उपकार सुनो।
चाहे विपदा कितनी भारी हो,
चाहे कितनी बड़ी बीमारी हो।
तुम कभी ना हिम्मत हारे हो,
तुम तारनहार हमारे हो।
धरती के ……………
चाहे दुर्घटना हो जाए कभी,
हड्डी पसली टूट जाए कभी।
एक्सरे, प्लास्टर करवाते हो,
हम सबकी जान बचाते हो।
हे धरती के…………
तेरी सुबह ना शाम कोई,
करते पल भर आराम नहीं।
रोगी की सेवा में तिल भर,
करते कभी खिलवाड़ नही।
हे धरती के………….
तेरी जात पात ना धर्म कोई,
तेरे लिए राजा ना रंक कोई।
तुम भेद भाव ना करते हो,
बस ड्यूटी अपनी करते हो।
हे धरती के…………
महामारी के दौर में जब,
हम घर के अन्दर रहते थे।
दिन रात छोड़ घर अपना तुम,
जीवन और मौत से लड़ते थे ।
हे धरती के…………..
हो ईश्वर की परछाई तुम,
सदा साथ हमारा निभाते हो।
दे कर जीवनदान हमें,
तुम लाख दुआएँ पाते हो।
हे धरती के……….
सपना
जनपद- औरैया
उत्तर प्रदेश