प्रोग्रेसिव लोग

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‘उस्ताद सुना है कोई कॉफी होती है जो अमेज़न के जंगलों में घूमने वाले हाथियों के लीद से बनती है?’

‘होगी यार …मोय तो नाय पतो?’

‘… और कोई मंहगी क्रीम भी होती है जो घोंघे के लार से बनती है?’

‘मोय नाय मालूम यार…?’

‘… और उस्ताद सुना है कि कई सुंदर होने के लिए लगाई जाने वाली क्रीमों में भी कई गंदे समझे जाने वाले जानवरों की चर्बी पड़ती है?’

‘मुझे ये सब कुछ नहीं पता यार जमूरे… लेकिन तुम आज ये सब पूछ ही क्यों रहे हो?’

‘मैं पूछ बस इसलिए रहा हूँ उस्ताद कि सभी प्रोग्रेसिव विचारधारा वाले गो मूत्र पीने वालों को तो पिछड़ा बता रहे हैं। लेकिन हाथी का गू खाने वालों को कुछ नहीं बोल रहे?’

‘तू फालतू की चिंता मत कर यार जमूरे! गो मूत्र पर भी जिस दिन किसी विदेशी कंपनी का ब्रांड चस्पा हो जाएगा ये भी पवित्र हो जाएगा।’

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साँप और आदमी

झाड़ी में खेल रहे सांप के बच्चे ने अपनी माँ से पूछा-

“मम्मी मम्मी एक आदमी इधर ही आ रहा है उसे काट लूँ क्या?”

“बच्चे की बात सुनकर नागिन घुड़की… तू बड़ा आया उसे काटने वाला अगर उसने भी पलटकर काट लिया तो?”

दिवाकर पांडेय चित्रगुप्त
जलालपुर (उत्तर प्रदेश)

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।