पुस्तकें हमारी यार हैं,
ज्ञान का भण्डार हैं।
कर लो इनसे दोस्ती,
जीवन का ये सार हैं।
सूरज इनमें तारे इनमें,
बादल भी इनमें बरसें-2
ओ………..
इनमें भी चलती पुरवैया,
खुशियाँ इनसे बरसें-2
पुस्तकें हमारी……..
राजा रानी की किस्से हो,
या परियों के कहानी-2
ओ……..
भालू बन्दर की शैतानी हो या,
शेर की मनमानी-2
पुस्तकें हमारी………
नदियाँ, पर्वत, झरने,जंगल,
सब इनमें हैं समाए-2
ओ……….
गाँव शहर और देश विदेश की,
फ्री में सैर कराए-2
पुस्तकें हमारी……….
जीवन की नीरस राहों पर जो,
अकेलापन सताए-2
ओ……….
अपने भी जब साथ ना दें,
पुस्तक ही साथ निभाए-2
पुस्तकें हमारी…………
हर मुश्किल का हल ये खोजे,
जीवन सरल बनाए-2
ओ……..
कर ली जिसने इनसे यारी,
वो जग में नाम कमाए।
पुस्तकें हमारी………..
स्वरचित
सपना (स. अ.)
प्रा.वि.-उजीतीपुर
वि.ख.-भाग्यनगर
जनपद-औरैया