कलम

0 0
Read Time1 Minute, 52 Second

कलमकार हम भारत के,
कुछ रोज नया रचाएंगे।
कलम की ताकत से हम,
भ्रष्टाचार मिटाएंगे।

सच्चाई की कलम हमारी,
और रक्त की स्याही है।
जग के सारे दुष्टों को,
नागिन सी डसने आई है।

दोधारी तलवार है ये,
गुस्सा ,प्यार जताने आई है।
हर सुख दुःख में सबका,
साथ निभाने आई है।

सत्य और ज्ञान की कीमत,
जग को बताने आई है।
गीता का उसका खोया,
सम्मान दिलाने आई है।

खादी में छिपे भेड़ियों की,
पहचान कराने आई है।
कौन है अपना कौन पराया,
ये भेद बताने आई है।

देश के वीर शहीदों की,
कथा सुनाने आई है।
नई पीढ़ियों को उनका,
इतिहास बताने आई है।

पाप की लंका में फिर से,
बवाल मचाने आई है,
पापियों को उनके अब,
पाप गिनाने आई है।

देश के सारे गद्दारों को,
नानी याद दिलाने आई है
रामायण, महाभारत का,
हमें सार बताने आई है।

कुरीतियों, कुप्रथाओं को,
आँख दिखाने आई है।
संस्कृति और सभ्यता का,
हमें पाठ पढ़ाने आई है।

निर्दोषों को कलम हमारी,
न्याय दिलाने आई है।
लाचारों को उनके सारे,
अधिकार दिलाने आई है।

बेबसी में बेबस लोगों में,
नई आस जगाने आई है।
सूखे होंठों पर फिर से,
मुस्कान खिलाने आई है।

कलम हमारी बिके कभी ना,
ये कसम दिलाने आई है।
कलमकारों को उनका,
धर्म बताने आई है।

स्वरचित
सपना (स. अ.)
प्रा.वि. -उजीतीपुर
वि.ख.-भाग्यनगर
जनपद-औरैया

matruadmin

Next Post

जीवन आधार

Sat Feb 13 , 2021
मेरा जीवन आधार हो तुम मेरे ईश्वरीय अवतार हो तुम पहली शिक्षक मां प्रकाशवती संस्कारो को दी मां ने गति पिता मदन लाल कर्मयोगी रहे जीवन सन्मार्ग दिखाते रहे अभाव में कभी हार न मानी कठिन परिश्रम थी जिंदगानी ईमान से जीने का पाठ पढ़ाया माया से कभी न मन […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।