देश प्रियंकर बन सकता हैं- डॉ. वैदिक

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खबरपालिका लोकतंत्र का दिल हैं- डॉ. वैदिक

मोदी किसी को नहीं डराते – डॉ. वैदिक

इंदौर। लोकतंत्र को शरीर माने तो न्यायपालिका उसका दिमाग, कार्यपालिका उसके हाथ, और विधायिका उसके पैर है तब खबरपालिका उसका दिल हैं और दिल का काम लोकतंत्र को जोड़ना मजबूत करना होता है। उक्त बात मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा गुरुवार को स्थानीय होटल में आयोजित ‘संवाद’ में देश के प्रसिद्द पत्रकार एवं हिन्दी प्रेमी डॉ. वेदप्रताप वैदिक ने कही जिसमें डॉ वैदिक समाचार संस्थानों के संपादकों एवं पत्रकारों के साथ खुला संवाद कर रहे थे।

आयोजन की औपचारिक शुरुआत डॉ वैदिक के स्वागत से हुई, इसके बाद इंदौर के ख्यात रंगकर्मी सुशील गोयल को मातृभाषा उन्नयन संस्थान एवं इंदौरी घराना द्वारा इंदौर गौरव सम्मान प्रदान किया गया।

संवाद कार्यक्रम में वुमंस प्रेस क्लब की अध्यक्ष शीतल रॉय ने डॉ वैदिक से कई सवाल पूछें सवाल के जवाब में डॉ वैदिक ने कहा कि ‘ आज मीडिया का स्वरूप बदल गया है, मैं ऐसा मानता हूँ कि पत्रकार और नेताओं को देश से कोई लेना देना नही दिखता। सबसे बड़ा अखबार सबसे ज्यादा डरता है।’ इसी तरह पत्रकार हर्षवर्धन प्रकाश के प्रश्न के उत्तर में लोकतंत्र में बहुत दुर्भाग्य की बात है कि मजबूत विपक्ष नहीं हैं, यह नुकसानदायक है।’

डॉ वैदिक ने सवाल का जवाब देते हुए कहा कि ‘मोदी किसी को नहीं डराते, बल्कि हमें डरना बंद करना चाहिए।’ डॉ वैदिक ने यह भी कहा कि अखण्ड भारत नहीं बल्कि वृहद भारत की कल्पना करता हूँ जिसमें सम्पूर्ण विश्व भारत की संस्कृति से जुड़ें, उसका सम्मान करें और उसे अपनाएं भी।

वरिष्ठ पत्रकार डॉ. वेदप्रताप वैदिक के साथ शहर के पत्रकारों और संपादकों से बातचीत में देश के कई ज्वलंत मुद्दों, किसान आन्दोलन इत्यादि विषयों पर चर्चा हुई. जिसमें वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश हिंदुस्तानी, संजीव आचार्य, गौरव चतुर्वेदी, प्रवीण खारीवाल, हर्षवर्धन प्रकाश, रवि चावला, सहित संस्थान के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ नीना जोशी, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष शिखा जैन, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य नितेश गुप्ता, रोहित त्रिवेदी, कवि गौरव साक्षी, वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स के भारत शर्मा, संजय पंजवानी, प्रयास थ्रीडी से राघव सिंह सहित कई विद्वतजन उपस्थित रहें। कार्यक्रम का संयोजन मातृभाषा उन्नयन संस्थान, वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स एवं प्रयास थ्रीडी व् मैजिक इंटरप्राइज़ के साझा प्रयासों से हुआ। कार्य्रकम के अंत में आभार संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने माना।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।