‘सृजनोन्मुख प्रकाशन – बिहार’ द्वारा प्रकाशित ‘कविताओं में आलोक और आलोक की कविताएं’ एक अद्भुत ग्रंथ है, जिसमें लगभग 100 पृष्ठों में कवि भोलानाथ आलोक से जुड़ी कविताएं व स्वयं आलोक जी की काव्य रचनाएं प्रकाशित की गई हैं | लोक कला, लोक प्रशासन कवि – लेखक आदि तमाम लोगों ने आलोक जी के विषय में जानकारी दी है | पूरा ग्रंथ पठनीय है | संपादक – अतुल मलिक अनजान ने निश्चित रूप से बहुत मेहनत की है, जिसके फलस्वरूप यह संग्रहणीय ग्रंथ प्रकाशन में आ पाया है |
इस ग्रंथ में मेरा (मुकेश कुमार ऋषि वर्मा) का भी एक प्रष्ठ है | इसके साथ ही देश भर के तमाम दिग्गज कलमकारों की लेखनी का स्वाद पाठक गण चख सकते हैं | वयोवृद्ध रचनाकार आदरणीय भोलानाथ आलोक जी का यह एक जीवंत व सार्थक सम्मान है | कुलमिलाकर ग्रंथ पठनीय तथा पुस्तकालयों व शोध कार्य के लिए लाभदायक है | ग्रंथ के माध्यम से बिहार की पावन माटी की महक सर्वत्र फैल रही है | इस पावन कार्य के लिए युवा कलमकार अतुल मल्लिक अनजान जी को कोटि-कोटि साधुवाद | वे ईश्वर कृपा से हमेशा स्वस्थ रहें, प्रसन्न रहें और इसी तरह अनवरत माँ भारती की सेवा करते रहें |
- मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
फतेहाबाद, आगरा