एक अद्भुत ग्रंथ – कविताओं में आलोक और आलोक की कविताएँ

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‘सृजनोन्मुख प्रकाशन – बिहार’ द्वारा प्रकाशित ‘कविताओं में आलोक और आलोक की कविताएं’ एक अद्भुत ग्रंथ है, जिसमें लगभग 100 पृष्ठों में कवि भोलानाथ आलोक से जुड़ी कविताएं व स्वयं आलोक जी की काव्य रचनाएं प्रकाशित की गई हैं | लोक कला, लोक प्रशासन कवि – लेखक आदि तमाम लोगों ने आलोक जी के विषय में जानकारी दी है | पूरा ग्रंथ पठनीय है | संपादक – अतुल मलिक अनजान ने निश्चित रूप से बहुत मेहनत की है, जिसके फलस्वरूप यह संग्रहणीय ग्रंथ प्रकाशन में आ पाया है |

इस ग्रंथ में मेरा (मुकेश कुमार ऋषि वर्मा) का भी एक प्रष्ठ है | इसके साथ ही देश भर के तमाम दिग्गज कलमकारों की लेखनी का स्वाद पाठक गण चख सकते हैं | वयोवृद्ध रचनाकार आदरणीय भोलानाथ आलोक जी का यह एक जीवंत व सार्थक सम्मान है | कुलमिलाकर ग्रंथ पठनीय तथा पुस्तकालयों व शोध कार्य के लिए लाभदायक है | ग्रंथ के माध्यम से बिहार की पावन माटी की महक सर्वत्र फैल रही है | इस पावन कार्य के लिए युवा कलमकार अतुल मल्लिक अनजान जी को कोटि-कोटि साधुवाद | वे ईश्वर कृपा से हमेशा स्वस्थ रहें, प्रसन्न रहें और इसी तरह अनवरत माँ भारती की सेवा करते रहें |

  • मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
    फतेहाबाद, आगरा

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उसकी मोहब्बत में

Mon Feb 1 , 2021
उसका ना हो पाया तो अपना उसे बना लूँगा बिना लिए सात फेरे मोहब्बत निभा लूँगा संभव नहीं होगा मिलन मुश्किल होगा अगर दर्श करके अपनी आँखें बंद मैं कर लूँगा उसे स्पर्श छिन जायेगी आवाज़ मेरी खामोशियाँ उसे सुना दूँगा मैं उसकी मोहब्बत में खुद को भी भुला दूँगा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।