संग्रहणीय स्मारिका : युवा धड़कन 2020

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पुस्तक समीक्षा

वीर एकलव्य सेवा समिति आगरा के सौजन्य से प्रकाशित स्मारिका युवा धड़कन 2020 पढने का सौभाग्य प्राप्त हुआ । इस स्मारिका के मुख्य संपादक हैं चर्चित साहित्यकार मुकेश कुमार ॠषि वर्मा जी और संपादक हैं अवधेश कुमार निषाद जी।सह संपादक हैं उमेश पाल जी।यह स्मारिका इसलिए भी खास है कि यह प्रवेशांक होते हुए भी प्रौढ है,संग्रहणीय है।संपादकीय में श्री वर्मा ने बहुत ही समसामयिक बात से हम पाठकों का ध्यानाकर्षित किया है।बहुत ही स्तरीय संपादकीय है।तुलसी कार्की की कविता “मिट्टी की खुश्बू” अच्छी कविता है । कवि चन्द्र मोहन किस्कू जी की दो कविताएं शामिल है पहली कविता का शीर्षक है “आग” और दूसरी कविता का शीर्षक है “आजादी का पथ” । दोनों कविताएं पठनीय कविता है । कवि राम नारायण साहू “राज” की कविता का शीर्षक है “लक्ष्मी आगमन” जो हास्य कविता होते हुए भी बहुत ही करारा व्यंग्य है अपने समाज पर।बहुत सुंदर लेखनी है “राज” जी की।अवधेश कुमार निषाद जी की कविता “मेरा हौसला” अच्छी कविता है ।कवि टी एम मोहन सारस्वत की कविता “ताण्डव की रात” भी पठनीय है । ई एस एस निषाद जी की कविता “किसान पर्यावरण और पराली” भी अच्छी कविता है ।अनमोल कुमार की कविता “परिवार” भावनात्मक कविता है ।अवधेश निषाद जी का आलेख “माँ के हाथों की रोटियां” एक मार्मिक आलेख है।मन भावविह्वल हो गया पढकर । बहुत सुन्दर आलेख है यह निषाद जी का।धीरज वर्मा जी का आलेख “संघर्ष की सृजनात्मकता” सुन्दर आलेख है । मुकेश कुमार ऋषि वर्मा जी का आलेख “बाल प्रतिभा : गोल्डन गर्ल अंबिका निषाद” एक प्रेरणादायी आलेख है।अवधेश जी की लघुकथा “रोटियों की खातिर” एक मार्मिक लघुकथा है , जो हमें सोचने पर मजबूर करती है ।इस स्मारिका में मेरे गीत को भी स्थान मिला है, यह मेरे लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है ।निश्चित रूप से यह स्मारिका “युवा धड़कन 2020” एक संग्रहणीय स्मारिका है।इसके लिए वर्मा जी बधाई के पात्र हैं।

पुस्तक का नाम :- युवा धड़कन 2020 (स्मारिका)
मुख्य संपादक :- मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
संपादक :- अवधेश कुमार निषाद
समीक्षक :- अतुल मल्लिक अनजान
सम्पर्क :- “देहाती कुटीर” ग्राम-जगन्नाथपुर, पोस्ट-बनैली, जिला-पूर्णिया, पिन -854201 (बिहार )
सम्पर्क सूत्र :-7488412309
ईमेल :- Kavianjaanpurnea@gmail.com

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।