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दीप जलाओ तुम सब।
करो अंधकार को दूर।
रोशनी कर लो मन में।
इस दीपाली पर।।
घर का कचड़ा साफ करो।
मन को करो तुम शुध्द।
जग मग कर दो गली मौहल्ले
और अपना घर।
दिलो में खुशीयाँ भर दो,
इस दिवाली पर ।।
खुशीयाँ घर घर जाकर।
देते जाऊ तुम सबको।
मिले तुम्हे आशीष सदा,
बड़े बूढ़ों जनों का ।
दीपावली पर हिल मिलकर,
रहो तुम सब जन।
मिलेगी धन संपदा
तुम्हे इस दिवाली पर।।
मिलेगी धन संपदा …..।।
जय जिनेन्द्र देव
संजय जैन (मुम्बई)
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