करवाचौथ का त्यौहार आया, हर तरफ धूम मची है!
देखो तो तुम जरा गौर से, फ़ौजन की भी थाली सजी है!!
काजल सिंदूर कंगन बिंदिया, वो पायल भी तो लायी है!
फौजी की लम्बी उम्र को, उसने अपनी देह सजाई है!!
दिल उसका भी मचलता है, बस देखले उसको एक नजर!
ड्यूटी पर तैनात है फ़ौजी, कहाँ है उसको इतनी खबर!!
छलनी में से देख कर तस्वीर, उसका दिल भी तो रोता है!
हजारों मील दूर बॉर्डर पर, जब उसका चांद होता है!!
आबाद रहे फौजी की जिंदगी, “मलिक” यही दुआ करती है!
ये धरती तक भी हिलती है, जब फौजी की लाश गिरती है!!
सुषमा मलिक,
रोहतक (हरियाणा)