कोरोनाकाल एवं साहित्यग्राम’ विमोचित

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इंदौर। कोरोना संक्रमण काल के दौरान लगे लॉक डाउन में मातृभाषा.कॉम से जुड़े रचनाकारों द्वारा किए उत्कृष्ट सृजन को संस्मय प्रकाशन द्वारा पुस्तकबद्ध किया गया, इस पुस्तक का विमोचन साहित्य अकादमी, मध्यप्रदेश शासन के निदेशक डॉ. विकास दवे द्वारा किया गया।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अर्पण जैन ‘अविचल’ ने श्री दवे को संस्थान द्वारा अब तक किए कार्यों के बारे में बताया।
श्री दवे ने संस्थान एवं संस्मय प्रकाशन को शुभकामनाएँ प्रदान की।

श्री दवे का स्वागत संस्थान के अध्यक्ष डॉ अर्पण जैन ने किया इसके बाद उन्हें मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा भाषा सारथी सम्मान से सम्मानित किया।
इस अवसर पर संस्थान की उपाध्यक्ष डॉ.नीना जोशी, कोषाध्यक्ष शिखा जैन कार्यकारिणी सदस्य नितेश गुप्ता उपस्थित रहें।
इस पुस्तक में नोएडा से अनामिका अनूप तिवारी, आगरा से डॉ अनिता राठौर, गाज़ियाबाद से अनीमिका सहाय, आगरा से अलका अग्रवाल, चंदौसी से डॉ अलका रानी अग्रवाल, राजनांदगांव से आशा अमित नशीने, जमशेदपुर से डॉ आशा श्रीवास्तव, भोपाल से डॉ ओरीना अदा, नई दिल्ली से अंजलि वैद, इंदौर से उर्मिला मेहता, नोएडा से किरण मिश्रा स्वयंसिद्धा, नई दिल्ली से कुसुमलता कुसुम, दिल्ली से तरुणा पुण्डीर, बालाघाट से नवनीता कटकवार, गाज़ियाबाद से नीना महाजन, गाज़ियाबाद से नीरजा मेहता, बीकानेर से नीलम पारीक, दिल्ली से नूतन गर्ग, गुरुग्राम से परिणीता सिन्हा, पटना से पूनम आनंद, पटना से पूनम कतरीयार, जमशेदपुर से मनिला कुमारी, छिंदवाड़ा से डॉ मनीषा जैन, वारासिवनी से मीना विवेक जैन, नोएडा से मीनाक्षी सुकुमारन, मेघा योगी, गाज़ियाबाद से मंजू बिष्ट, फ़रीदाबाद से रेखा जोशी, दिल्ली से विजयलक्ष्मी भट्ट शर्मा, भोपाल से शालिनी खरे, बैंगलोर से डॉ शैलजा एन भट्टड़, मुरैना से सरिता गुप्ता, दमोह से साधना छिरोल्या, दुर्ग से सीता गुप्ता, मेरठ से सीमा गर्ग मंजरी, रायपुर से सीमा निगम, बिजनौर से सुमन चौधरी, भागलपुर से सुमन सोनी, गुवाहाटी से सुरेश शर्मा, हरिद्वार से स्नेहलता नीर सम्मिलित है।

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।