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त्याग,तपस्या, ममत्व की मूरत
रूहानियत में बड़ी खूबसूरत
ईश्वरीय सेवा में जीवन बिताया
जो चाहा था वह सब पाया
राह भटको को राह दिखाई
चरित्र निर्माण की अलख जगाई
नारी शक्ति का भी मान बढ़ाया
स्वयं को सेवा में आगे ही पाया
निरहंकार का खज़ाना बनी थी
धैर्य में सबसे आगे खड़ी थी
संसार को भाईचारे का पाठ पढ़ाया
प्रकाशमणि ने सबको अपना बनाया।
#श्रीगोपाल नारसन
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