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हे परमपिता परमात्मा
मैं हूं तेरी सन्तान आत्मा
पिता भी तू है ,सखा भी तू है
सृष्टा भी तू है ,द्रष्टा भी तू है
आंनद भी तू,परमानन्द भी तू
सुख सागर तू ,महासागर भी तू
कल्याणकारी तू, हितकारी तू
भोला भंडारी तू ,त्रिशूलधारी तू
अजन्मा है तू ,अविनाशी है तू
अशरीरी है तू, ज्योति बिंदु है तू
मेरे ‘मैं ‘पन का विनाशक भी तू
पतित से पावन का कारक भी तू।
#श्रीगोपाल नारसन
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