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पारिजात का इतिहास बड़ा है
कई युगों से पारिजात खड़ा है
समुद्र मंथन का यह दिव्य वृक्ष है
देवलोक इसका पहला स्थल है
हरिवंश पुराण में महिमा मिलती
पारिजात छूने से थकान मिटती
फल नही सिर्फ पुष्प का स्वामी
गुणों में नही कोई इसका सानी
इसके पुष्पों से चिर यौवन मिलता
पुष्प इसका एक वर्ष में खिलता
एडोसोनिया वर्ग में वृक्ष यह आता
पांच प्रजातियों से है इसका नाता
बोरोलिया गांव इसका आशियाना
देखने इसको अयोध्या भी जाना।
#श्रीगोपाल नारसन
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