भव्य रहा बोली संवर्धन कार्यक्रम सम्पन्न

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भव्य रहा बोली संवर्धन कार्यक्रम सम्पन्न,गीता गुप्ता मन की अवधी बोली सावन में मनभावन करती पंक्ति “झूला परिगे है निबिया के डार,चलो गुइआ झूले चली” हर एक को की आकर्षक*

साहित्य संगम संस्थान दिल्ली द्वारा आज 02 अगस्त 2020 को बोली संवर्धन ऑनलाइन वीडियो कवि सम्मेलन आयोजित किया गया, कार्यक्रम की मुख्य अतिथि आद ऊषा सेठी कमाल जी निर्देशिका सा सं सं, विशिष्ट अतिथि आद शिवेंद्र त्रिपाठी जी बघेली डिजिटल प्रचारक, कार्यक्रम के अध्यक्ष आद राजवीर सिंह मंत्र जी, संयोजिका आद अलका जैन आनंदी जी प्रचार निर्देशक नवीन कुमार भट्ट नीर साथ ही विभिन्न प्रांतों उपस्थित कवि कवित्रियों ने अपनी प्रस्तुति दी जिनमें आद गीता गुप्ता मन जी उन्नाव उत्तरप्रदेश ने कार्यक्रम को समां बांधते हुए शुरुआत कुछ इस अंदाज में अवधी भाषा में प्रस्तुत की “झूला परिगे है निबिया के डार,चलो गुइआ झूले चली”,आद आशुतोष त्रिपाठी जी अयोध्या उत्तरप्रदेश ने अवधि पंच खिचड़ी भाषा में अपनी प्रस्तुति दी कि “राम मंदिर के अब होइ निर्माण हो,रामलला करिहै मंदिर मा आराम हो”,आद मिथलेश कुमार मिलिंद आजमगढ़ उत्तरप्रदेश ने बेहतरीन देशभक्ति आधारित ग़ज़ल सुनाई कि “हमारी आन पर उठता हुआ,सिर कब खत्म होगा” ,पटना बिहार से आशुतोष कुमार ने “आयल ऐछ नवका जमाना,कर्म कांड सेहो भेल फैशन पुराना” क्षेत्रीय बोली मैथिली में अपनी प्रस्तुति दी,आज उमा मिश्रा प्रीति जबलपुर मध्यप्रदेश ने बुन्देलखण्डी में “झूला झूलन दो माई श्याम पड़े पलना में” प्रस्तुति देकर कार्यक्रम को सावन मनभावन बना दिया,सनौसी ब्योहारी शहडोल से उपस्थित आद राजेन्द्र प्रसाद रंजन जी ने बघेली कवि ने राखी के तेउहार मां भाई बहन के प्यार मा भैया केर जुरे हम बंधन,सावन केर बहार मां, बढ़िया प्रस्तुति दिये,छत्तीसगढ़ से योगेश ध्रुव भीम जी छत्तीसगढ़ी में “मोर मन के परेवना ओ” में प्रस्तुति दी, इस कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि आद शिवेंद्र त्रिपाठी जी ने कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि, कार्यक्रम अध्यक्ष, संयोजिका,प्रचार निर्देशक,एवं उपस्थित विद्वजनों को संबोधित करते हुए कहा कि बड़ी खुशी की बात है की बोली संवर्धन के लिए आंनलाइन सुचारू रूप से चलाया गया जिसमें क्षेत्रीय बोली के कवि कवित्रियों के द्वारा क्षेत्रीय बोली पर बेहतरीन प्रस्तुति दी गई जो की क्षेत्रीय बोली को बढ़ावा दे रही है, आप सबकी प्रस्तुति पर बहुत ही मधुर बोलियों कि मिठास की अनुभूति हुई,बोली विकास मंच का सादर आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आपने मुझे यह अवसर प्रदान किए इसकेे क्रतज्ञ आभार व्यक्त करता हूं। धन्यवाद, कार्यक्रम की मुख्य अतिथि आद ऊषा सेठी जी ने कहा कि बोली संवर्धन ऑनलाइन वीडियो कवि सम्मेलन कार्यक्रम पे मुख्य अतिथि बनाने का सुअवसर मुझे प्रदान किए इसकेे लिए कार्यक्रम संचालक मंडल का साभार बोली विकास मंच का संगठित कर बोलियों को विकसित व बढ़ावा देनी की बेहतरीन पहल है ,आज के कार्यक्रम के उपस्थित पदाधिकारियों व कवि कवित्रियों को पुनः बधाई देकर मंच को धन्यवाद , आज के कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सर्व प्रथम मां वीणापाणि को नमन करते हुए आद उषा सेठी जी का आभार प्रकट करता हूं जिन्होंने मेरी छोटी सी विनती पर आपने इस कार्यक्रम को आर्शीवाद प्रदान किए और बेहतरीन संदेश प्रदान किए वाकई में क्षेत्रीय बोली का भी बढ़ावा मिले ताकि वो विलुप्त न होकर स्वर्मिम बन जाते इसके लिए आज क्षेत्रीय विद्वजनों को थोड़ी चिंतन करनें की भी जरुरी है, निश्चय ही आपके इस विचार को नव पीढ़ी अमल करेगी, आपको पुनः वंदन, कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि आद शिवेंद्र त्रिपाठी जी बघेली डिजिटल प्रचारक आपने इस कार्यक्रम में सम्मिलित होकर आर्शीवचन से बोली विकास मंच पर आयोजित किए जा रहे प्रयासों की सराहना किए आपका क्रतज्ञ वंदन की आपने अपने अभिव्यक्ति के माध्यम से बेहतरीन संदेश प्रदान किए इसकेे लिए आपका आभार वंदन,हिन्दी के साहित्य संगम संस्थान की सराहना करते हुए बोली को विकसित व विकासशील बनानें के बारे में आपने बढ़िया संदेश ज्ञापित कर विभिन्न क्षेत्रों से उपस्थित कवि कवित्रियों की इस पहल को सराहना कर आभार ज्ञापित किए,कार्यक्रम के अध्यक्ष ने इस गौरव शाली कार्यक्रम में सम्मिलित सभी विद्वजनों को आभा प्रकट करते हुए बोली विकास के उत्साह वर्धन करनें वाले मनीषियों को धन्यवाद ज्ञापित कर कार्यक्रम की समाप्ति की,इस कार्यक्रम में उपस्थित विद्वजनों में अनिल धवन,कुमारी निरुपमा, तृप्ति त्रिवेदी,अर्चना वर्मा,,प्रमोद चौहान, रविशंकर विद्यार्थी, डॉ राकेश सक्सेना,प्रतीति पाण्डेय, छाया सक्सेना,दामोदर मिश्रा, सुशील साहू, दर्शन जोशी,राखी सरोज,श्रवण,पंकज कुमार, आशीष ठाकुर, मोहम्मद अबीर, कृपाशंकर सिंह,राजेश कुमार राज, आलोक कुमार, आशीष ठाकुर, जयहिंद सिंह,सोनु मीना, हिमांशु गुप्ता, कुमुद श्रीवास्तव,सुनीति केशरवानी,नवल किशोर, संगीता जैन आदि थे,

नवीन कुमार भट्ट नीर

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।