एक शब्द नहीं , अर्थ है दोस्ती ।
खामोशी से सब जानने में, समर्थ है दोस्ती।
दोस्ती झील है, नदिया है, सागर है।
दोस्ती अमृत से भरा गागर है ।
दोस्ती नींद है,भूख है,प्यास है।
दोस्ती एक खूबसूरत एहसास है।
दोस्ती राधा है, कृष्ण है, सुदामा है।
दोस्ती दुर्योधन के साथ, कर्ण का जाना है।
दोस्ती चांद है, तारे है, सूरज है ।
दोस्ती ब्रह्माण्ड के सब टुकड़ों की मूरत है।
दोस्ती राम है, लक्ष्मण है, सीता है।
दोस्ती अर्जुन की भक्ति ,कृष्ण की गीता है।
दोस्ती ख्वाब है,जुनून है, तकरार है।
दोस्ती महफ़िल में जमी, दोस्तों की सरकार है।
दोस्ती मां है, पिता है, परिवार है।
दोस्ती एक धागे में बंधा बहन का प्यार है।
युगों युगों से जो चली आ रही,दोस्ती वह रीत है।
दोस्ती इस दुनिया का खूबसूरत संगीत है ।
हर किसी से नहीं की जाती, दोस्ती एक आशा है।
दोस्ती हर किसी के जीवन की परिभाषा है।
#मृत्युंजय सिसोदिया