1
0
Read Time46 Second
ख़ुशियों का उजाला ज़रूर होगा
बेबसी की ये रात बीत जाएगी
कट जाएगा सफ़र संघर्ष का
एक दिन मंज़िल मिल जाएगी
खो गया है जो राह-ए-सफ़र में
उससे भी मुलाक़ात हो जाएगी
सूखी पड़ी दिल की ज़मीन पर
एक दिन बरसात हो जाएगी
नामुमकिन सी लग रही है जो
वो परेशानी भी हल हो जाएगी
दिल में हो अगर मोहब्बत
हर जंग बातों से टल जाएगी
फ़रियाद करूँगा इस तरह
रब की रहमत मिल जाएगी
जिस्म जुदा हो भी जाए मगर
मेरी रूह उससे मिल जाएगी
आलोक कौशिक
बेगूसराय बिहार
Post Views:
338