किया सरेंडर विकास ने,महाकाल के मंदिर में।
काल न बचा सका,जब महाकाल था अन्दर में।।
बुलाया था महाकाल ने उसको,केवल पकड़वाने को।
महाकाल बना है केवल,ऐसे दरिंदो को मरवाने को।।
महाकाल ने ही किया न्याय,जो कर सके न न्यायलय।
इसलिए महाकाल कहलाता है,न्याय का शिवालय।।
जो करता है सच्चे मन से पूजा,उसकी रक्षा वह करता।।
जो होता है दुराचारी,उसकी कभी रक्षा नहीं वह करता।।
हुई शांति अब देश में महाकाल ने जब उसे पकड़वाया।
महाकाल के कारण ही,वह पुलिस की पकड़ में है आया।।
करते हैं नमन महाकाल को हम जिसने भक्तो को बचाया।
वरना ये दुष्ट विकास कर देता,शिव भक्तो का सफाया।।
आर के रस्तोगी
गुरुग्राम