ऐसा क्या अपराध किया जो..
अपनों से नजर चुराते हो..
चोर अगर है दिल में तो फिर..
क्यूँ बड़ा हृदय दिखलाते हो..
प्रजातंत्र में केवल और केवल
पाना ही स्वीकार नहीं..
प्रजा अगर जो साथ नहीं तो..
राजा को गद्दी का अधिकार नहीं..
युद्ध नहीं लड़ सकते तो फिर..
क्यों सेनापति बन जाते हो…
ऐसा क्या अपराध किया जो..
अपनों से नजर चुराते हो..
याद रहे जो युद्ध से भागे..
कायर वो कहलाते हैं..
पीठ में गोली उनको लगती..
सम्मान नहीं वो पाते हैं..
अहंकार के मद में चूर..
अभिमानी दंभ भर जाते हो..
ऐसा क्या अपराध किया जो..
अपनों से नजर चुराते हो..
चोर अगर है दिल में तो फिर..
क्यों बड़ा ह्रदय दिखलाते हो..
सचिन राणा हीरो
हरिद्वार( उत्तराखंड )