#संध्या चतुर्वेदीअहमदाबाद, गुजरात
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देखो बारिश हो रही,मेरा दिल खो रहा है।
कोई कुछ तो मुझे समझाए,मुझे क्या हो रहा है।।
तेरी आँखों में मेरा दिल खो गया है।
मेरा चैन जा रहा है, मुझे प्यार हो रहा है।।
कोई कुछ तो मुझे समझाये,मुझे क्या हो रहा है।।
परी हो तुम या हो कोई महारानी
लगता है हो तुम मेरे दिल की रानी।।
बारिश हो रही हैं, मेरा दिल खो गया है।
कोई कुछ तो बताओ,मुझे क्या हो गया है।।
चाँद से रोशन चेहरा,मेरे दिल को भा गया है।
तेरे होठों की लाली ,पर दिल खो रहा है।।
देखो बारिश हो रही हैं, मेरा दिल खो रहा है।।
कोई कुछ तो मुझे समझाओ,मुझे क्या हो रहा है।।
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