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जिस जीवन मे संघर्ष नही
वह जीवन तो बेमानी है
कदम कदम पर अवरोधक
पार करना ही जिंदगानी है
वह जीवन भी कैसा जीवन
जिसमे फूल ही फूल खिले हुए
कांटो का नामोनिशान न हो
खुशबूओ से मन लबरेज रहे
रोटी,कपड़ा,मकान की फ़िक्र
हमें आगे तक ले जाती है
एक हॉकर को राष्ट्रपति तक
चाय वाले को पीएम बनाती है।
#श्रीगोपाल नारसन
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