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पिंजरे में जब भी पंछी चहचहा या करेंगे
हमें अपनी कैद के दिन याद आया करेंगे
काटे नहीं कटता था उस वक्त,, ये वक्त
बच्चों को इसके किस्से हम सुनाया करेंगे
उम्मीद ये कि जल्द हो जायेगी अपनी रिहाई
इसी आशा से खुद को बहलाया करेंगे
ऊब गये थे चार चेहरों को देख देख कर
दोस्त दुश्मन एक जैसे नज़र आया करेंगे
दुखांत से एकांत कहीं अच्छा है दोस्तों
बात यही हम सबको समझाया करेंगे
#सुरिंदर कौर
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